Income tax calculator india hindi | आयकर बचाने के लिए कैसे बचत करें

इनकम टैक्स

इनकम टैक्स व्यक्ति की कमाई (आय) पर लगने वाला कर है। हर व्यक्ति को, जिसका आय कर योग्य सीमा से अधिक है, अपनी आय पर आयकर भरना होता है। इनकम टैक्स का हिसाब आम तौर पर आधार पर होता है। व्यक्तित्व की आय अलग-अलग प्रकार की होती है जैसे "वेतन आय" (वेतन), "व्यावसायिक आय" (व्यावसायिक आय), "पूंजीगत लाभ" (पूंजी के लाभ), "अन्य स्रोत" (अन्य स्रोत से आय), और कुछ छुटियाँ भी इसमें शामिल होती हैं।

"आयकर" एक प्रकार का कर है जो व्यक्ति, व्यवसाय, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), कुछ एसोसिएशन, और कुछ व्यावसायिक संस्थाओं पर लगता है, जिनके पास कर योग्य आय होती है। भारत में, आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आयकर का प्रबंधन होता है। ये एक महत्व पूर्ण और समृद्धशाली समाज का हिसा है, जो देश के विकास में योगदान देने का एक माध्यम है।

अंत में, आयकर एक महत्ता पूर्ण कर है जो व्यक्ति और समाज के विकास में योगदान देने का एक तरीका है। ये व्यक्ति को अपनी आय का सही तरीके से हिसाब देना और सामाजिक न्याय को बर्बाद करने का काम करता है। इनकम टैक्स का पालन करके व्यक्ति अपने देश के विकास में सहायक बनते हैं और अपने योगदान से समाज को समृद्धि और उन्नति का अनुभव करने में मदद करते हैं।


Income Tax Calculator


How to save income tax in india?

इंडिया में आयकर बचाने के लिए कुछ चरण हैं जो आप अपना सकते हैं। यहां कुछ सामान्य उपाय हैं:

इनकम टैक्स श्रेणी का चयन(Choosing Income Tax Slab) : आपको अपनी आयकर श्रेणी को सही ढंग से चुनना महत्वपूर्ण है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी आयकर श्रेणी और दर सही हों।

आयकर छूट(Income Tax Deduction) : आपको आयकर छूट प्राप्त करने के लिए विभिन्न निवेशों और खर्चों को ध्यान में रखना चाहिए। उदाहरणार्थ, जीवन बीमा पॉलिसी, पीएफ (PF), एनपीएस (NPS), आदि।

होम लोन ब्याज(Home Loan Interest) : होम लोन के ब्याज पर आपको आयकर में छूट मिल सकती है। आपको इसे उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास सभी आवश्यक दस्तावेज़ हैं।

दान या चारिटी(Donation or Charity) : आपको चारिटी में या दान में राशि देने से भी आयकर में कमी हो सकती है। इसके लिए आपको निर्धारित निर्देशिका का पालन करना होगा और सही दस्तावेज़ प्रदान करना होगा।

राजस्व सुरक्षा योजना(Revenue Protection Scheme) : आप राजस्व सुरक्षा योजना में निवेश करके भी आयकर बचा सकते हैं। इस योजना के तहत निवेश करने पर आपको आयकर छूट मिल सकती है।

नौकरी से मिलने वाली छूट(Job-Related Exemptions) : कुछ विशेष प्रकार की नौकरियों से मिलने वाली छूटें आपको आयकर में छूट प्रदान कर सकती हैं। यह छूटें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आदि के लिए हो सकती हैं।

आयकर बचाने वाले योजनाएं(Tax-saving Schemes) : सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जो आपको आयकर में छूट प्रदान कर सकती हैं, जैसे कि सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, आदि।

ऑनलाइन आयकर निरीक्षण(Digital Tax Audit) : आपको अपनी आयकर रिटर्न्स को सही तरीके से भरना चाहिए और ऑनलाइन आयकर निरीक्षण के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि आपके पास सही दस्तावेज़ हैं, तो आपको आयकर निरीक्षण में कोई समस्या नहीं होगी।


History of income tax in india

भारत में आयकर का इतिहास :

भारत में आयकर का प्रथम प्रवृत्ति 1860 में ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान हुई थी। इस समय, आयकर का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य को आवश्यक धनराशि प्राप्त करना था।

स्वतंत्रता के बाद, 1947 में भारत ने अपने आपको स्वतंत्र घोषित किया और इसके साथ ही नए आर्थिक निर्माण के लिए आवश्यकता हुई। इसके परिणामस्वरूप, 1956 में नए आयकर व्यवस्था की शुरुआत हुई, जिसे 'आयकर अधिनियम, 1961' के तहत स्थापित किया गया।

आयकर विभाग का उद्देश्य नागरिकों से धनराशि मोबाइल करना और सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक वित्तीय साधन प्रदान करना है। आयकर नियमों में समय-समय पर संशोधन किए जा रहे हैं ताकि वे देश की आर्थिक जरूरियों के साथ मेल खाएं और सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए वित्तीय संसाधन प्राप्त कर सके।


भारत के आयकर के मुताबिक़, तीन प्रकार के "व्यक्ति" कर धारक होते हैं जैसे

व्यक्तिगत (Individual) : ये उन लोगों को प्रतिनिधित्व करता है जो अपने अकेले की आय से आयकर भरते हैं। इसमे आम तौर पर वेतनभोगी कर्मचारी, पेशेवर और छोटे व्यवसाय के मालिक आते हैं।

हिंदू परिवार (Hindu Undivided Family - HUF) : HUF एक ऐसा कर धारक है जो एक हिंदू परिवार को प्रतिनिधित्व करता है जिसमें कोई सदस्‍य होते हैं और सभी की मिल के कमाई पर आयकर भरा जाता है।

अन्य आयब्रांड (Association of Persons - AOP) : AOP एक ऐसा कर धारक है जो कुछ लोगों या एसोसिएशनों का एक समूह को प्रतिनिधित्व करता है, जिनके बीच में कोई भी व्यवसायी या व्यवसाय संबंध हो।


What is total tax discount

कुल आयकर पर छुटकारा (छूट) मिलने वाले विकल्प को "कुल आयकर छूट" कहा जाता है। ये छुटकारा व्यक्ति के कुल आय पर लगने वाले कर से कुछ हिसों को या पूरी तरह से हटाने का एक तरीका है। नीचे कुछ ऐसे प्रमुख छूट दिए गए हैं:

भविष्य निधि(Provident Fund) : यदि आप अपनी आय का कुछ हिस्सा भविष्य निधि में निवेश करते हैं, तो यह आपको टैक्स में छुटकारा मिल सकता है। भविष्य निधि में निवेश करना एक सुरक्षित बचत उपाय है।

जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) : अगर आपने किसी भी जीवन बीमा पॉलिसी में निवेश किया है, तो आपको पैसे पर कुछ टैक्स छूट मिल सकता है।

मकान ऋण (Home Loan):यदि आपने कोई मकान लिया है और उसके लिए होम लोन ले रखा है, तो आपको होम लोन के लिए भरो पर कुछ टैक्स की छूट मिल सकती है।

नौकरी से आय (House Rent Allowance - HRA) : यदि आपका मूल असली मकान से दूर है और आप अपनी किराए पर रहते हैं, तो आपको एचआरए मिल सकता है, जिसकी मदद से आपको कुछ हिसाब चुकाने पर दी गई है राशि पर टैक्स छुटकारा मिल सकता है।

बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च (Education Allowance) : आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए व्यायाम पर भी कुछ कर छूटकारा पा सकते हैं।

मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) : यदि आपने खुद या अपने परिवार के लिए किसी भी मेडिकल बीमा पॉलिसी में भागीदारी की है, तो आपके लिए प्रीमियम पर टैक्स छूटकारा मिल सकता है।

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